वर्तमान परिप्रेक्ष्य
- 4 फरवरी‚ 2023 को केंद्रीय पर्यावरण‚ वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूप्रेंद्र यादव ने गोवा में ‘आर्द्रभूमि बचाओ अभियान‚ का शुभारंभ किया।
- इस अभियान के दौरान केंद्रीय मंत्री ने पारिस्थितिक‚ आर्थिक और जलवायु सुरक्षा की प्राप्ति में आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
महत्वपूर्ण तथ्य
- अगले एक वर्ष के दौरान इस अभियान में शामिल होगा–

- मंत्री महोदय ने आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए संचार‚ शिक्षा‚जागरूकता और भागीदारी को सुदृढ़ करने के महत्व पर बल दिया।
- इस अवसर पर दो पुस्तकों का विमोचन किया गया-

- फैक्टबुक में हमारे 75 रामसर साइटों के महत्व‚ उनके सामने आने वाले खतरे और प्रबंधन की व्यवस्था सम्मिलित है।
- इस अवसर पर बजट‚ 2023 में सरकार द्वारा की गई विभिन्न हरित पहलों का उल्लेख किया गया।
- जिसमें- अमृत धरोहर (Amrit Dharohar)‚ मिष्टी (MISHTI)‚ पीएम प्रणाम (PM PRANAM)‚ ग्रीन क्रेडिट (Green Credit) और मिशन लाइफ के साथ हरित विकास (Green Growth aligned with Mission LiFE) शामिल हैं।
अमृत धरोहर योजना
इसे अगले तीन सालों में लागू किया जाएगा, यह इको- टूरिज्म और कार्बन स्टॉक को बढ़ाएगी और स्थानीय समुदायों को उनकी आय के सृजन में भी मदद करेगी।
मिष्टी ( MISHTI) योजना
इसका मुख्य उद्देश्य भारत के समुद्र तट के साथ-साथ लवणीय भूमि पर मैंग्रोव वृक्षारोपण की सुविधा प्रदान करना है।
पीएम प्रणाम (PM PARANAM) योजना
इसका उद्देश्य जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के संयोजन के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करना है और इसका लक्ष्य रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना है।
ग्रीन क्रेडिट
जनवरी, 2020 में वन सलाहकार समिति ( Forest Advisory Committee : FAC) ने ग्रीन क्रेडिट योजना को
मंजूरी प्रदान की।
इसके तहत वन विभाग को गैर-सरकारी निजी एजेंसियों को आउटसोर्स करने की अनुमति प्रदान की गई है।
यह योजना उन संस्थाओं को अनुमति प्रदान करती है, जो भूमि की पहचान करने और वृक्षारोपण करने के पात्र हैं।
मिशन लाइफ (Mission Life)
इस अवधारणा को भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2021 में ग्लासगो में Cop-26 के दौरान पेश किया गया था। → इसका लक्ष्य है वर्ष 2022-28 की अवधि में पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक कार्यवाही हेतु कम-से-कम एक बिलियन भारतीयों तथा अन्य वैश्विक नागरिकों को जुटाना ।
भारत में ही सभी गांवों और शहरी स्थानीय निकायों में कम से कम 80% लोगों को वर्ष 2028 तक पर्यावरण फ्रेंडली बनना है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस के बारे में’
- प्रत्येक वर्ष 2फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है।
- क्योंकि इसी दिन वर्ष 1971 में अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किया गया था।
- भारत ने 1 फरवरी‚ 1982 को रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किया था।
- अब तक भारत 23 राज्यों एवं वंâेद्रशासित प्रदेशों को समाहित करते हुए 75 आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल घोषित कर चुका है।
ऊपरी गंगा नदी नवाबगंज पक्षी अभयारण्य उत्तर प्रदेश में रामसर स्थल पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य समसपुर पक्षी अभयारण्य सरसई नावर झील साण्डी पक्षी अभयारण्य बखिरा वन्य अभयारण्य समन पक्षी अभयारण्य सूर सरोवर हैदरपुर वेटलैंड
- सबसे अधिक 14 रामसर स्थल तमिलनाडु में हैं।
- उसके बाद उत्तर प्रदेश में 10 रामसर स्थल हैं।